महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलन हिंसक हो गया है. सोलापुर, औरंगाबाद, नागपुर, और महाराष्ट्र के अन्य जिलों में उलझने की खबरें आ रही हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इस मुद्दे पर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल को महाराष्ट्र सरकार ने बुलाया है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने पाटिल से बात की और उन्हें चर्चा के लिए बुलाया। उपमुख्यमंत्री ने जारांगे पाटिल को आश्वासन दिया कि जालना घटना में न्याय होगा।
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट उपसमिति की बैठक आयोजित करने का फैसला किया है, जिसमें सीएम एकनाथ शिंदे समेत अन्य बड़े नेता भी शामिल होंगे। महाराष्ट्र सरकार इस मुद्दे को गंभिरता से लेकर रही है और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद को प्रोत्साहित कर रही है। इस समस्या का समाधान बराबरी और समाज के हित के साथ किया जा रहा है।
हिंसा में 360 से अधिक मामला दर्ज
हिंसा के सिलसिले में 360 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें आंसू गैस के गोले छोड़े। हिंसा के परिणामस्वरूप 40 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई। पुलिस ने घटना के संदर्भ में 360 से अधिक मामलों की जाँच शुरू की है।
‘निष्पक्ष जांच होनी चाहिए’- पंकजा गोपीनाथ मुंडे
इस स्थिति में भाजपा नेता पंकजा गोपीनाथ मुंडे ने घटना की निंदा की और कहा कि वे इसे बेहद दुखद मानती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की सुनवाई होनी चाहिए और घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
फिलहाल हिंसा के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है और उनके जवाब में कदम उठाए जाएंगे। घायलों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है।
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