केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को संसद में आपराधिक कानूनों में बड़े बदलाव की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान करेगा। मॉब लिंचिंग के लिए न्यूनतम सात साल की जेल से लेकर मृत्युदंड तक की सज़ा होगी।
नये कानून में हत्या की परिभाषा में मॉब लिंचिंग के खिलाफ प्रावधान जोड़ा गया है (Amit Shah in Lok Sabha)।
नए प्रावधान में कहा गया है, “जो कोई भी हत्या करेगा उसे मौत या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा।”
आगे कहा गया, “जब पांच या अधिक व्यक्तियों का एक समूह एक साथ मिलकर नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य आधार पर हत्या करता है तो ऐसे समूह के प्रत्येक सदस्य को आजीवन कारावास या किसी अवधि के लिए कारावास जो सात साल से कम नहीं होगा या मृत्युदंड से दंडित किया जाएगा।”
गृह मंत्री ने आज भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को निरस्त करने और बदलने का प्रस्ताव रखा।
अमित शाह ने कहा, नए विधेयकों के साथ, सरकार का लक्ष्य “न्याय, सजा नहीं” सुनिश्चित करना है (Mob Lynching)।
“मैं आज जो तीन विधेयक पेश कर रहा हूं उनमें आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए सिद्धांत कानून शामिल हैं। एक है भारतीय दंड संहिता जो 1860 में बनाई गई थी, दूसरा है आपराधिक प्रक्रिया संहिता जो 1898 में बनाई गई थी और तीसरा है भारतीय दंड संहिता साक्ष्य अधिनियम, जो 1872 में बना था। हम आज इन कानूनों को खत्म कर देंगे, जो अंग्रेजों द्वारा लाए गए थे,” उन्होंने कहा।