चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, झंजेरी, मोहाली ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण उत्कृष्टता कार्यक्रम 2025 की शानदार मेजबानी की है। इस प्रतिष्ठित अकादमिक शिखर सम्मेलन में 10 से अधिक देशों के 20 से ज्यादा प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों के दिग्गज शामिल हुए जिससे सीजीसी झंजेरी अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक एकता के लिए एक ताकत के रूप में उभरी।
आईटीईपी 2025 के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता माननीय मुख्य अतिथि, श्री दीपक आनंद, प्रांतीय संसद सदस्य, मिसिसॉगा-माल्टन, ओंटारियो, कनाडा के द्वारा की गई। उनके प्रभावशाली संबोधन ने इस बात की पुष्टि की कि हकीकत में विकास वहीं से शुरू होता है जहां विचारों और लीडरशिप का सुमेल है।
अपनी वर्कशॉपों, विचारों के आदान-प्रदान और महत्वपूर्ण चर्चाओं के माध्यम से, आईटीईपी 2025 ने शैक्षणिक नवीनता , संस्थागत उत्कृष्टता और विश्व स्तर के नागरिकों के पोषण के महत्व को फिर से परिभाषित किया है। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे सीमाओं के पार भी फैलाया जा सकता है।
इस अवसर पर, माननीय प्रबंध निदेशक, श्री अर्श धालीवाल ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने के लिए सीजीसी झंजेड़ी की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।
उत्साह से भरे अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सीजीसी झंजेड़ी में दुनिया भर के महाद्वीपों और संस्कृतियों का एकत्र होना हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है, इस से हमारी वैश्विक शैक्षिक प्रणाली के मिशन की पुष्टि होती है।
उन्होंने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र एक आवश्यकता है, यह वह प्रकाश है जो दिमाग को तेज करता है, वह पुल है जो सपनों को जोड़ता है, और वह लेंस है जिसके माध्यम से शिक्षा का अर्थ सार्थक बनता है।अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण उत्कृष्टता कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि हमारी हमारे विश्वास का स्मारक है।
आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मामलों की निदेशक सुश्री सिमरन धालीवाल ने कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई है। उनके रणनीतिक नेतृत्व और वैश्विक साझेदारी के प्रति समर्पण ने सीमा पार सहयोग को सार्थक शैक्षणिक वास्तविकताओं में बदल दिया है। उनकी भूमिका ने सीजीसी झंजेरी की अंतर्राष्ट्रीय कथा को फिर से परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण उत्कृष्टता कार्यक्रम 2025 ने अपने समापन के साथ अपने पीछे एक विरासत छोड़ी है जिस से दोस्ती को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक द्वार खुलेंगे जिस से शैक्षिक कूटनीति की कहानी में एक नया अध्याय लिखा जा सके।