करिश्मा राय
इस साल चैत्र नवरात्र चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मंगलवार यानी 13 अप्रैल से प्रारंभ होगा. 9 दिनों तक भक्तगण मां दुर्गा की आराधना विधि विधान के साथ करेंगे. कोरोना के कारण इस बार के नवरात्र को लेकर भी खासी सावधानी बरती जा रही है. इसी दिन से हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2078 भी शुरू हो जाएगा. इस बार नवरात्र पर के शुभ योग बन रहे हैं. नवरात्र में 4 दिन रवि योग सर्वार्थ सिद्धि योग अभी बन रहा है, ऐसी मान्यता है कि इस तरह के शुभ संयोग में नवरात्रि पर मां भगवती की आराधना करने पर विशेष फल मिलता है.
यह नवरात्र धन और धर्म की बढ़ोतरी के लिहाज से काफी खास माना जा रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो पंचांग में इस बात की चर्चा है कि 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को वासंती नवरात्र अश्वनी नक्षत्र सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग से प्रारंभ होगा और 22 अप्रैल गुरुवार को मघा नक्षत्र और सिद्धि योग में दशमी तिथि के साथ संपन्न हो जाएगा.
चैत्र नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त
- 13 अप्रैल को सुबह पांच बजकर 28 मिनट से सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त का समय 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट के बीच होगा
- 19 अप्रैल सोमवार को मध्य रात्रि निशिथकाल रात्रि 11 बजकर 37 मिनट से रात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक
- 20 अप्रैल दिन मंगलवार को सूर्योदय से स्पर्श शुद्ध अष्टमी में महाअष्टमी व्रत होगा
21 को महानवमी के साथ रामनवमी मनाई जाएगी.
इस बार मंगलवार के दिन चैत्र नवरात्र का आरंभ होने से मां दुर्गा देवी का आगमन घोड़े पर हो रहा है, जो राष्ट्र के लिए शुभ कारक नहीं है. देश में भय एवं युद्ध की स्थिति बनी रहेगी. कंधे पर देवी के प्रस्थान होने से यह राष्ट्र के लिए सुख समृद्धि कारक होगा.
मान्यता है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं. यहां वे नौ दिनों तक वास करते हुए भक्तों की साधना से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं. नवरात्रि पर देवी दुर्गा की साधना और पूजा-पाठ करने से आम दिनों के मुकाबले पूजा का कई गुना फल की प्राप्ति होती है.