चंपई सोरेन तथा दो मंत्रियाें आलमगीर आलम के शपथ ग्रहण के बाद अब सभी की निगाहें राजभवन से हटकर सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले विश्वास प्रस्ताव पर टिका है। विधायकों को हैदराबाद ले जाने तथा पिछली सरकार के कुछ मंत्रियों से असंतुष्ट रहे विधायकों के कारण सरकार के बहुमत साबित करने की संभावनाओं में ट्विस्ट ला दिया है। लोबिन हेम्ब्रम, सीता सोरेन तथा बसंत सोरेन को लेकर भी कयासें लग रही हैं। लोगों की निगाहें सरकार द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित किए जाने के बाद होनेवाले मंत्रिमंडल विस्तार पर भी टिकी हैं। चंपई सोरेन सरकार में पिछली सरकार के कौन से मंत्री बने रहें तथा कौन मंत्रिमंडल से बाहर होगा, इसे लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल, स्थिति ऊहोपोह की ही है।
मंत्रिमंडल में ज्यादा परिवर्तन की संभावना नहीं
नई सरकार का भी पूरा ध्यान फिलहाल अपने विधायकों को इधर से उधर जाने से बचाने तथा बहुमत साबित करने पर है। हालांकि, मंत्री को लेकर निश्चित रूप से विधायकों की लाबिंग चल रही होगी। इधर, कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि नई सरकार में कुछ अधिक बदलाव नहीं होना है। मंत्रिमंडल में भी एक-दो की जगह ज्यादा परिवर्तन की संभावना नहीं है। सरकार ने इसके संकेत भी दिए हैं।
जिस तरह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनय कुमार चौबे को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव तथा वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव रंजन को महाधिवक्ता नियुक्त किया गया, उससे यह भी तय है कि विभिन्न विभागों के सचिवों में भी ज्यादा बदलाव नहीं होगा। वैसे भी इसी माह शुरू होने वाले होने वाले बजट सत्र तथा उसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट प्रस्तुत किए जाने के कारण फिलहाल विभागों के सचिव नहीं बदले जाएंगे। इसके बदले जिन विभागों में रिक्तियां हैं, उनमें पदस्थापन किया जाएगा।
आज आएंगे हैदराबाद से विधायक
गठबंधन दल के विधायक रविवार को हैदराबाद से वापस आ जाएंगे। वे विशेष विमान से वापस आएंगे। उन्हें यहां एक साथ रखा जाएगा। सोमवार को सभी एक साथ सरकार के पक्ष में विश्वास मत पर अपना वोट देने जाएंगे।