चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, चंद्रमा पर छाया पड़ती है लेकिन यह केवल पूर्णिमा के दौरान होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होते हैं जहां चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी ब्लॉक हो जाती है। सूरज की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे वह लाल-भूरा या नारंगी रंग का दिखाई देता है। चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और प्रच्छन्न चंद्र ग्रहण।
क्या भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा? (Chandra Grahan 2023)
पृथ्वी चंद्रमा से बहुत बड़ी है, जिसका अर्थ है कि इसकी छाया भी प्राकृतिक उपग्रह से बहुत बड़ी है। इसी वजह से सूर्य ग्रहण से ज्यादा चंद्र ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देता है। 5 मई को दुनिया के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देना चाहिए जहां ग्रहण के समय चंद्रमा क्षितिज से ऊपर होगा। इन द स्काई के अनुसार इसमें अंटार्कटिका, एशिया, रूस, अफ्रीका और ओशिनिया शामिल हैं।
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नई दिल्ली से देखे जाने पर, पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण आकाश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में दिखाई देगा। सबसे बड़े ग्रहण के समय यह क्षितिज से लगभग 40 डिग्री ऊपर रहेगा।
ग्रहण कितने बजे लग रहा है?
चंद्रमा 5 मार्च को रात 8.45 बजे और 6 मई को 1.02 बजे के बीच पृथ्वी की छाया से गुजरेगा, जब ग्रहण दिखाई देगा।