चंद्रयान-3 के ‘प्रज्ञान’ रोवर ने कैमरे से कैद की चंद्रमा के विक्रम लैंडर की तस्वीर

चंद्रयान-3
चंद्रयान-3

न्यू दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को चंद्रयान-3 मिशन के ‘प्रज्ञान’ रोवर द्वारा चंद्रमा के ‘विक्रम’ लैंडर की तस्वीर की खबर दी। इस अद्वितीय क्षण का इसरो ने सोशल मीडिया पर साझा किया और यह तस्वीर नैवकैम (नेविगेशन कैमरा) द्वारा कैद की गई है।

इसरो ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “सीमाओं से परे, चांद के पार… भारत की कोई सीमा नहीं है… एक बार फिर, प्रज्ञान ने विक्रम की तस्वीर क्लिक की! यह प्रतिष्ठित फोटो आज सुबह 11 बजे के आसपास लगभग 15 मीटर की दूरी से ली गई थी।”

पहले भी, इसरो ने प्रज्ञान रोवर के द्वारा विक्रम लैंडर की एक और तस्वीर साझा की थी, जो इसके ‘एक्स’ हैंडल पर देखी जा सकती है। इस महत्वपूर्ण कदम के बाद, इसरो ने दर्जनों के चेस्ट उपकरण का पहला अवलोकन भी जारी किया था। चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए चेस्ट (चंद्र सफेर्स थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट) उपकरण ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रालेख को माप रहा है।

इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन उद्देश्यों में से दो उद्देश्य पूरे हो गए हैं – चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ और चंद्र सतह पर रोवर की चहलकदमी का प्रदर्शन। तीसरे उद्देश्य को पूरा करने का काम अब भी जारी है, जिसमें चंद्र सतह के वैज्ञानिक प्रयोग शामिल हैं।

चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर और रोवर को एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) तक कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिशन के तहत नैवकैम्स को इसरो की इकाई ‘इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लैबोरैटरी’ (एलईओएस) ने विकसित किया है, जो यह काम कर रहे हैं।

इसरो द्वारा बताया गया है कि चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पहला ऐसा प्रालेख तैयार किया है, जिसमें विभिन्न गहराइयों पर चंद्रमा की सतह या निकट सतह के तापमान में भिन्नता दर्शाता है, जैसा कि पड़ताल के दौरान दर्ज किया गया। इसरो ने बताया है कि विस्तृत अवलोकन जारी है।

इसरो ने दर्ज किया कि चंद्रयान-3 मिशन के सफलता से भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान में नए मील का क़दम रखा है, और यह मिशन वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में महत्वपूर्ण स्थान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।