छठा मंगला गौरी व्रत 2023: जानिए व्रत विधि और महत्व

Mangla Gauri Vrat 2023
Mangla Gauri Vrat 2023

Sixth Mangla Gauri Vrat 2023: सावन के महीने में आने वाला मंगला गौरी व्रत महिलाओं के लिए एक पवित्र व्रत माना जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की सुरक्षा, दीर्घायु और कल्याण के लिए रखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियां अच्छा पति पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।

छठा मंगला गौरी व्रत सावन माह में अधिक मास के दौरान कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 8 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा।

Sixth Mangla Gauri Vrat: तिथि और समय

  • अष्टमी तिथि आरंभ – 8 अगस्त 2023 – 04:14 पूर्वाह्न
  • अष्टमी तिथि समाप्त – 9 अगस्त 2023 – 03:52 पूर्वाह्न

मंगला गौरी व्रत 2023: महत्व

यह व्रत देवी पार्वती को समर्पित है और भक्त इस व्रत को शुद्ध भक्ति के साथ रखते हैं। मंगला गौरी व्रत एक शुभ व्रत माना जाता है जिसे सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की खुशी और लंबी उम्र के लिए रखती हैं।

मंगला गौरी व्रत श्रावण मास के दौरान केवल मंगलवार को मनाया जाता है। मंगला गौरी व्रत को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और शेष दक्षिण भारत में श्री मंगला गौरी व्रतम के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मंगला गौरी व्रत रखा था।

मंगला गौरी व्रत 2023: पूजा अनुष्ठान

1. सुबह जल्दी उठकर मंगला गौरी व्रत का संकल्प लें।

2. पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

3. भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखें।

4. सोलह बत्तियों वाला मिट्टी का दीपक जलाएं, मूर्तियों को फूलों से सजाएं, कुमकुम और हल्दी का तिलक लगाएं, सोलह प्रकार का भोग प्रसाद चढ़ाएं।

5. देवी को प्रसन्न करने और आशीर्वाद पाने के लिए व्रत कथा और भजन और मंत्रों का पाठ करें।

6. भगवान शिव और माता पार्वती की आरती का जाप करें।

7. शाम के समय भोग प्रसाद चढ़ाएं और फिर भक्त अपना व्रत तोड़ सकते हैं।