पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से ‘सिख गुरुद्वारा संशोधन विधेयक-2023’ को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह बिल सदन में पेश किया था। इस विधेयक के माध्यम से, गुरुद्वारा परंपरा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुधार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मान ने व्यक्त किया कि गुरबाणी सभी की साझी है और किसी एक चैनल के हवाले नहीं है। उन्होंने दावा किया कि 11 साल से एक ही चैनल गुरबाणी का प्रसारण कर रहा है, और इसका संविधानिक अनुबंध 21 जुलाई को समाप्त हो रहा है। उन्होंने इस संबंध में कहा कि एसजीपीसी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee – SGPC) चुनावों के नियमों के तहत, जब कोई संगठन 5 सालों तक चुनाव नहीं कराता है, तो उसे गैर-लोकतांत्रिक माना जाता है।
सीएम मान ने बताया कि पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने SGPC को आदेश दिए थे कि वे अपना चैनल चलाएं, जहां पर गुरबाणी प्रसारित की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने सीधे तौर पर बादल पर हमला करते हुए कहा कि बादल इस चैनल से पैसा कमा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस विधेयक को लाएंगे ताकि गुरबाणी के प्रसारण के समय 30 मिनट पहले और 30 मिनट बाद कोई विज्ञापन नहीं दिखाए जाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गुरबाणी का प्रसारण पैदा-लिखवा नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरबाणी को पूरी दुनिया में फैलाना चाहिए। उन्होंने इस बात का समर्थन किया कि लोगों को मर्जी से जिस चैनल पर भी गुरबाणी सुनने का मौका मिले, उन्हें उसकी सुविधा होनी चाहिए। गुरबाणी का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में होना चाहिए।
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