लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सरकार, जिसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का संचालन कर रही है। इस योजना के अंतर्गत, विभिन्न समुदायों और धर्मों के रीति-रिवाजों के आधार पर विवाहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब अभिभावकों को उनकी बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
इस योजना के मुख्य विशेषताएं:
- इसके लाभ उठाने के लिए उत्तर प्रदेश के मूल निवासी अभिभावक का होना जरूरी है.
- अभिभावक का निर्धन और आर्थिक रूप से जरूरतमंद होना चाहिए.
- वार्षिक आय दो लाख से कम होनी चाहिए.
- कन्या की उम्र 18 वर्ष से अधिक और वर की उम्र 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
इन सभी मानकों को पूरा करने के बाद, आवेदक ऑनलाइन पत्र का प्रिंट आउट लेकर सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपने जिले के समाज कल्याण विभाग में जमा कर सकते हैं। तब ही आप मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठा सकते हैं।
योजना के तहत लाभ:
- प्रत्येक जोड़ी को मिलते हैं 51,000 रुपए.
- कन्या के खाते में 35,000 रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं, जिनमें 10,000 रुपए शादी के खर्च में जाते हैं.
- 6,000 रुपए वर्तन और अन्य खर्च में इस्तेमाल होते हैं.
उत्तर प्रदेश के विभिन्न वर्गों के गरीब अभिभावक अब इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, और इससे गरीब बेटियों के लिए एक नई आशा की जा रही है।
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