मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वामी कल्याणदेव महाराज जी की 21वीं पुण्यतिथि पर किया नमन

  • मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में शुकदेव आश्रम में स्वामी कल्याणदेव महाराज जी की प्रतिमा का किया अनावरण
  • समाज और देश की प्रगति के लिए प्रत्येक व्यक्ति निरंतर सेवा भाव से करे कार्य – मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 14 जुलाई — हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में स्थित शुकदेव आश्रम में स्वामी कल्याणदेव महाराज जी की 21वीं पुण्यतिथि पर उनकी समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वामी कल्याण देव जी महाराज की प्रतिमा का भी अनावरण किया।

श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज हम माँ गंगा के पावन तट पर स्थित महान महर्षि शुकदेव की धरती पर एकत्रित हुए हैं। भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम विशेष स्थान है। यह आश्रम न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि शिक्षा, सेवा और संस्कृति का भी प्रतीक है। स्वामी जी की प्रतिमा नई पीढ़ियों को स्वामी जी के कार्यों, सिद्धांतों और आदर्शों की हमेशा याद दिलाती रहेगी।

उन्होंने कहा कि स्वामी ओमानन्द जी महाराज इस आश्रम की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं और शुकदेव जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज सेवा के कार्यों को सेवा भाव से कर रहे हैं। स्वामी जी के मार्गदर्शन में इस आश्रम का शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि इस धरती पर हजारों साल पहले महर्षि शुकदेव जी महाराज ने परीक्षित को भागवत कथा सुनाकर मोक्ष का मार्ग दिखाया था। इस महान तीर्थ के उद्धार में संत कल्याणदेव महाराज ने अपना पूरा जीवन लगाया था l स्वामी कल्याणदेव जी महाराज का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन उनके विचार और कार्य असाधारण थे। उन्होंने कम उम्र में ही सांसारिक मोह माया का त्याग कर आध्यात्मिक पथ अपनाया। यह पावन भूमि इसी महान संत, शिक्षाविद और समाज सुधारक की तपोभूमि है। वे केवल एक संत नहीं थे, वे अपने आप में एक संस्था थे, जहां से मानवता और समाज सेवा की धारा निरंतर बहती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी कल्याण देव जी ने अपने 129 सालों के लम्बे जीवनकाल में ज्ञान, शिक्षा और समाज सेवा को अपना धर्म बनाया। इस महान संत ने वर्ष 2004 में अपने नश्वर शरीर का त्याग किया l उन्होंने अनेक स्कूल, कॉलेज और गुरुकुलों की स्थापना की। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ, छुआछूत, जातिगत भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई, भाईचारे और प्रेम का संदेश भी दिया। समाज की अतुलनीय एवं विशिष्ट सेवाओं के लिए भारत सरकार द्वारा स्वामी कल्याणदेव जी महाराज को वर्ष 1982 में पद्मश्री से तथा वर्ष 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा ‌कि आश्रम में स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट की स्थापना की गई है। यह ट्रस्ट विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों, बीमारों और जरूरतमंदों की सहायता करता है। यह शिक्षा, चिकित्सा और सामाजिक उत्थान के क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी स्वामी जी के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लें।

मुख्यमंत्री ने शुकदेव तीर्थ पर उड़िया की पुस्तक का विमोचन किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने शुकदेव तीर्थ पर हरियाणा भवन बनाने के लिए 11 लाख रुपये दान देने की घोषणा की।

इस अवसर पर स्वामी ओमानन्द जी महाराज ने अपने शुभाशीष संबोधन में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के सरल स्वभाव और मानवीय दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री का शुकदेव आश्रम से बड़ा पुराना नाता है। उन्होंने भारत की समृद्ध संत परंपरा पर विचार व्यक्त किए और कहा कि संतों ने देश को आध्यात्मिक चेतना के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य समाज के उत्थान के कार्य को गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह जी का जीवन नैतिक मूल्यों का प्रतीक है और वे निरंतर लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध और स्वामी विवेकानंद जी के जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि उनका जीवन मानवता की सेवा में लगा है। हमें उनके जीवन को अपने जीवन का आदर्श मानकर अपनी जीवनचर्या चलानी चाहिए।

इस अवसर पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, शुकदेव आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एम. एल. रंगा, राज्यसभा सांसद श्री रामचंद्र जांगड़ा, सहित आश्रम के ट्रस्ट के पदाधिकारी, विधायक मिथिलेश, नेतागण एवं देश के विभिन्न स्थानों से पधारे श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।