उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लघु, सूक्ष्म और मध्यम (एमएसएमई) उद्योग के उद्यमियों को 50,000 करोड़ रुपए का ऋण देकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने विश्वकर्मा जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में एमएसएमई उद्यमियों को इस बड़ी घोषणा की ख़बर सुनाई है। इससे उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने एक बार में इतने बड़े पैमाने पर उद्यमियों को ऋण दिया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के नौजवान, महिला, व्यापारी और उद्यमी आत्मनिर्भर बने।
सीएम योगी ने शनिवार को ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना के अंतर्गत लोकभवन में आयोजित टूल किट वितरण एवं एमएसएमई जुड़े उद्यमियों के ऋण वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रभावी ढंग से धरातल पर उतार रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि 2018 में हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के परंपरागत उद्यम के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना प्रारम्भ की थी, जो यूपी की अभिनव पहल थी। इसका उद्देश्य केवल प्रदेश के हुनर को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना ही नहीं था बल्कि उत्तर प्रदेश को निवेश के एक बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित करना भी था, जिसमें यह योजना सफल रही।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की एक जिला एक उत्पाद योजना को प्रधानमंत्री मोदी ने लोकल फॉर ग्लोबल और आत्मनिर्भर भारत योजना की आधारशिला माना है। आज देखते ही देखते यूपी की एक जिला एक उत्पाद योजना पूरे देश की योजना बन गई है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई ने उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है। इस योजना ने यूपी में रोजगार सृजन और एक्सपोर्ट को बढ़ाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है।
सीएम योगी ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद पिछले 5 से 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश का क्रेडिट और डेबिट अनुपात 10 से 11 फ़ीसदी बढ़कर 55-56 फ़ीसदी हो गया है। इसे हमें बढ़ाकर के 60 से 62 फ़ीसदी तक ले जाएंगे। इसके लिए बड़े पैमाने पर रोजगार मेले के आयोजन, ट्रेनिंग और लोगों को डिजिटल पेमेंट के साथ जोड़ना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त हस्तशिल्पियों के हुनर को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग करेगी।
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