श्रद्धालुओं के आगमन के अवसर पर चित्रकूट में भगवान राम की तपोभूमि पर भव्य परिक्रमा का आयोजन किया गया था। सोमवती अमावस्या और सावन के दूसरे सोमवार को लाखों श्रद्धालुओं ने चित्रकूट में उमड़ी भक्ति भावना के साथ श्री रामचंद्र जी की पूजा-अर्चना की। पूजा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की गयी। और श्रद्धालुओं ने राजा रामचंद्र की जय और योगी जिंदाबाद के नारे लगाए।
रामघाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया
परिक्रमा मार्ग में और रामघाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया और मतगजेंद्र भगवान (शंकर जी) को जल चढ़ाया। मतगजेंद्र भगवान का मंदिर अत्यंत पौराणिक है और वहां मौजूद ज्योतिर्लिंग की मान्यता है। भगवान राम ने इसी मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी और इसके बाद में यहां प्रतिष्ठित हुए तीन और शिवलिंगों की स्थापना हुई थी।
मान्यता के अनुसार, चित्रकूट में स्थित मतगजेंद्र भगवान मंदिर में भगवान शिव की स्थापना राम जी ने खुद की थी। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है, लेकिन सावन मास के सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। इस दिन प्रदेश में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे, और पुलिस अधिक्षक एवं जिलाधिकारी तत्परता के साथ रामघाट में मौजूद रहे।
महत्वपूर्ण मानी जाती है इस दिन की परिक्रमा
सावन माह में रामघाट पर जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं को मंदाकिनी नदी से जल लाकर प्रयोग किया जाता है। कामतानाथ जी की परिक्रमा के दौरान भी श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत थी और कई लोग दंडवती लेट-लेट कर परिक्रमा कर रहे थे। सावन के सोमवार को चित्रकूट में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक होती है और इस दिन की परिक्रमा बड़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इन दिनों भगवान शिव और भगवान राम चित्रकूट में विराजमान रहते हैं और श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
री परिक्रमा मार्ग में और रामघाट पर पुलिस और प्रशासन ने चाक-चौबंदी की व्यवस्था की थी ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। पुलिस अधिक्षक और जिलाधिकारी भी अपने दल बल के साथ रामघाट पर मौजूद रहे थे।
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