सुप्रीम कोर्ट से सीएम हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत, मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला

सुप्रीम कोर्ट से सीएम हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट से सीएम हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका को मना कर दिया, जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन से पहले झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह दी। सोरेन को ED ने ज़मीन घोटाले में पूछताछ के लिए अपने रांची दफ्तर में बुलाया था, लेकिन वह नहीं गए हैं।

हेमंत सोरेन की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि यह पूरी तरह से पीछे पड़ जाने का मामला है। इस पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि “रोहतगी जी, आप हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते? नहीं नहीं, आप हाई कोर्ट जाइए. हम आपको याचिका वापस लेने की अनुमति देंगे।” इसके पर सोरेन की याचिका को वापस लिया जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया।

क्या है पूरा मामला? 

केंद्रीय एजेंसी, ईडी (ईनफोर्समेंट डायरेक्टरेट), द्वारा एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों की जांच की गई है, जिसमें रक्षा भूमि से संबंधित एक सौदा भी शामिल है। इस बड़े दुरुपयोग के मामले में माफिया, बिचौलियों, और नौकरशाह समूहों का संदेह है, जिन्होंने 1932 की तिथि तक के फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए मिलीभगत की थी।

इस कार्रवाई के तहत, ईडी ने झारखंड में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा भी शामिल हैं। सोरेन को ईडी ने शुरुआत में 3 नवंबर 2022 को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह सरकारी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उसके सामने पेश नहीं हुए थे। झामुमो नेता ने केंद्रीय जांच एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी थी और समन को तीन हफ्तों के लिए टालने का अनुरोध किया था।

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