ओंकारेश्वर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ओंकारेश्वर में स्थापित आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर करीब पांच हजार साधु संत उपस्थित थे। इसके साथ ही, सीएम ने अद्वैत धाम की आधारशिला भी रखी।
इस 108 फीट ऊंची प्रतिमा के निर्माण में 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुआ है और यह 100 टन वजन में है। प्रतिमा 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है और इसके निर्माण में 88% कॉपर, 4% जिंक, और 8% टिन का उपयोग हुआ है। इसकी 290 पैनल कंपनी एलएंडटी (लार्सन एंड टूब्रो) ने चीनी कंपनी टीक्यू आर्ट फाउंड्री से तैयार कराए हैं, और सभी 290 हिस्सों को ओंकारेश्वर में जोड़ा गया है।
इस प्रतिमा को “स्टैच्यू ऑफ वननेस” का नाम दिया गया है, और इसमें आदि शंकराचार्य बाल रूप में प्रतिष्ठित हैं, जो मान्यता के अनुसार 12 साल की उम्र में ओंकारेश्वर से वेदांत के प्रचार के लिए निकले थे। अनावरण के बाद, सीएम शिवराज ने इस प्रतिमा के साथ संतों के साथ परिक्रमा भी की।
आदिगुरु शंकराचार्य के लिए श्रृंगेरी शारदा पीठ से 112 फीट की माला भेजी गई है, जो 10,000 रुद्राक्ष से बनी है। CM ने यह माला आदिगुरु को पहनाने की घोषणा की और इसकी सुरक्षा का आश्वासन दिया।
सीपीआई नेता जसविंदर सिंह ने इस मामले पर आलोचना की है और कहा कि यह भाजपा का दोहरा चरित्र है, क्योंकि वे चीनी झालरों के बहिष्कार की बात करते हैं, लेकिन आदि शंकराचार्य से लेकर सरदार पटेल तक की प्रतिमा चीनी कम्पनियों से बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार प्रदेश की जनता में भयंकर विरोध और मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सब कुछ कर रही है।
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