नई दिल्ली: हाल ही में भारतीय संसद के विशेष सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद रमेश बिधूड़ी चंद्रयान की टिप्पणी ने एक बड़ा विवाद उत्पन्न किया। उन्होंने बीएसपी सांसद दानिश अली के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे संसद की तस्वीर पर सवाल उठा है। इस विवाद के बाद, बीजेपी सांसद के बयान को लेकर सियासी गलियारे में बदल गया है।
सवाल और आपत्ति:
रमेश बिधूड़ी के संसद में किए गए विवादित बयान के बाद, विपक्ष ने उन पर कार्रवाई की मांग की है, लोकसभा में असंसदीय टिप्पणी को हेट स्पीच कहकर। इस मामले में विपक्ष ने बीजेपी के खिलाफ खड़ा हो गया है, और उन्हें कड़ा से कड़ा एक्शन चाहिए।
विपक्ष का विरोध:
विपक्षी दलों ने इस घटना के परिणामस्वरूप बीजेपी को आड़े हाथ लेते दिखाया है। लोकसभा में असंसदीय टिप्पणी को खारिज करने की मांग की गई है और विपक्ष ने इस घटना को संसदीय बवंडर के रूप में दर्शाया है।
राजनीतिक प्रभाव:
यह विवाद राजनीतिक घमासान को सूचित करता है और इसके परिणामस्वरूप बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ कड़े विरोध के रूप में दिखाई दे रहा है।
कार्रवाई की मांग:
विपक्ष ने बीजेपी को रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कड़ा से कड़ा कार्रवाई करने की मांग की है और इस बवंडर को संसदीय लोकतंत्र की सार्थकता पर सवाल उठाने के रूप में देखा जा रहा है।
सांसदी नैतिकता का सवाल:
इस मामले पर विपक्ष और आम जनता में विचार-विमर्श हो रहा है, और राजनीतिक दलों के बीच इस पर खिलाड़ी हो रहा है कि क्या संसदीय नैतिकता की रक्षा की जाएगी या नहीं।
सांसद के खिलाफ दर्जनी कार्रवाई की मांग:
इस विवाद के बाद, विपक्ष द्वारा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है, और यह सवाल उठा है कि संसद के नैतिकता के प्रति कितना सजाग होना चाहिए।
बीजेपी के जवाब:
बीजेपी ने इस मुद्दे पर किसी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन वे संसदीय नैतिकता का मानने और पालन करने की कड़ी प्रतिबद्धि करते हैं।
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