हमारे लिए चुनाव परिणाम कहीं निराशाजनक तो कहीं उत्साहजनक रहे : कांग्रेस

Congress
Congress

Congress, नयी दिल्ली, 02 मार्च (वार्ता) : कांग्रेस ने कहा है कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव परिणाम उसके लिए निराशाजनक रहे लेकिन विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों के परिणाम बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी संगठन राज्यों में मजबूत है और चुनाव परिणामों को लेकर यह कहना गलत है कि पूर्वोत्तर में पार्टी के शीर्ष नेता चुनाव प्रचार में नहीं गये थे। उनका कहना था कि स्थानीय चुनाव में पार्टी का संगठन और जिला तथा प्रदेश स्तर के नेता ज्यादा प्रभावी होते हैं। इस बार विधानसभाओं तथा उपचुनावों के परिणाम पार्टी के लिए निराशाजनक और उत्साहजनक रहे हैं। उपचुनावों के परिणाम को उन्होंने पार्टी के लिए उत्साहजनक बताया और कहा कि पश्चिम बंगाल में उपचुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा।

Congress

महाराष्ट्र में तो 30 साल बाद आरएसएस भाजपा के गढ में कांग्रेस ने जीत हासिल की है और यह बहुत सकारात्मक है। तमिलनाडु उपचुनाव में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता जीते और जिस अंतर से जीते हैं वे बहुत उत्साहजनक हैं। इससे साफ है कि कांग्रेस को अब पूरे देश में जनादेश मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में पार्टी मानकर चल रही थी कि वहां कांग्रेस और वामपंथी गठबंधन को जीत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हआ। पार्टी को यह भी उम्मीद थी कि वहां उसे 33 से ज्यादा सीटें मिलेंगी लेकिन नहीं जीत सके। सबका मानना था कि त्रिपुरा में कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिलेगा लेकिए ऐसा नहीं हुआ। ऐसा क्यों हुआ इस बारे में विचार किया जाएगा। वहां हमने भविष्य की रणनीति को ध्यान में रखते हुए टिकट दिये हैं लेकिन इस बार हमें सफलता किन कारणों से नहीं मिली इस पर विचार होगा और पांच साल बाद कांग्रेस को इसका फायदा जरूर मिलेगा। प्रवक्ता ने कहा कि नागालैंड में पार्टी पहले ही मान चुकी थी कि भाजपा तोड़फोडकर सरकार बना ही लेगी लेकिन हमारा वहां वोट शेयर बढा है। उन्होंने कहा कि नागालैंड में पार्टी ने 60 में से दस महिलाएं उम्मीदवार बनाई। ज्यादा उम्मीदवार 45 से कम उम्र के थे। पूर्वोत्तर कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन आठ दस सालों में वहां किस तरह से राजनीतिक बाजाद में भाजपा सरकार बनाने में सफल होती है और इस बार भी यही देखने को मिला है। हम चुनाव परिणाम को स्वीकार करते हैं लेकिन हमें संगठन को और मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि मेघालय में पिछली बार पार्टी के 21 विधायक थे और दूसरी पार्टी उनको तोड़कर ले गई। कांग्रेस को उनकी जगह नये उम्मीदवार घोषित करने पड़े लेकिन जो दल कांग्रेस के उम्मीदवारों को तोड़कर ले गया उसके परिणाम भी उम्मीदों के अनुसार नहीं हैं

यह भी पढ़ें : V.K SAXENA: छह महीने में भरे जाएंगे सरकारी खाली पद