तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके (DMK) नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान के चलते एक बड़ा विवाद उठा हुआ है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक पार्टियां शामिल हैं। इस मामले पर बीजेपी, कांग्रेस, और इंडिया गठबंधन (Indian National Developmental Inclusive Alliance) समेत अन्य दलों ने विवादित बयान के खिलाफ उच्चारण किया है। सनातन धर्म के बारे में इस बयान के बाद, योग गुरू बाबा रामदेव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बाबा रामदेव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो लोग सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, उनका मोक्ष 2024 में होने वाला है। उन्होंने सनातन धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया और उसका समर्थन किया।
बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि काशी (वाराणसी) अपने आप में दिव्य है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी को भव्यता प्रदान की है।
इसके अलावा, बाबा रामदेव ने ज्ञानवापी मामले के बारे में भी बात की और कहा कि न्यायालय का फैसला सम्मान के लायक होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इंडिया गठबंधन को घेरा और इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया। वहने गांधी जी से लेकर स्वामी विवेकानंद तक और माता अहिल्या बाई होलकर से लेकर मीराबाई तक, भारतीय संस्कृति के महापुरुषों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सनातन संस्कृति भारत की सबसे महत्वपूर्ण धर्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है और उसे समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस विवाद के बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सनातन धर्म का समर्थन किया और कहा कि यह भारत का राष्ट्रीय धर्म है।
इस विवाद के बाद, राजनीतिक दलों के बीच तमाम आलोचनाओं और बहसों के बावजूद, सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का महत्व और महानता पर विचार किया गया है।
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