-कशिश राजपूत
COVID-19 VACCINE: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।
भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 वैक्सीनेशन की शुरुआत हो रही है। इतना ही नहीं अब भारत में बनने वाली कोरोना वैक्सीन दूसरे देशों में भी निर्यात की जाएगी।
ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भारत से वैक्सीन की आधिकारिक तौर पर मांग की है।
बुधवार को ब्राजील से एक प्लेन भारत के लिए रवाना हुआ है, जो यहां से दो मिलियन यानी की 20 लाख डोज (वायल) खरीदकर अपने देश वापस लौट जाएगा |
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (Brazil President Jair Bolsonaro) ने भारत में बनी कोरोना की दवा कोविशील्ड (Covishield) की 20 लाख वैक्सीन भेजने का अनुरोध किया है | ये वैक्सीन पुणे के भारतीय सीरम संस्थान ने बनाई है |
बता दें, ब्राजील सरकार कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को लेकर पहले से दबाव में है | लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े देश में टीकाकरण की शुरुआत होने वाली है लेकिन नियामक ने अब तक प्रयोग के लिए किसी भी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है |
भारत में-
भारत बायोटेक को 55 लाख खुराक का ऑर्डर दिया है, जबकि ऑक्सफोर्ड ‘कोविशील्ड’ की 1.1 करोड़ है |
इस ऑर्डर की कुल कीमत करीब 1300 करोड़ रुपये होगी, जबकि पहले चरण का खर्च केंद्र उठाएगा।
सरकार ने SII से ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ की 1.1 करोड़ खुराक खरीदने का सोमवार को ऑर्डर दिया। प्रत्येक टीके पर GST समेत 210 रुपए की लागत आएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अप्रैल तक 4.5 करोड़ टीके खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है। इस पूरे ऑर्डर पर 1100 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा।