Defaulter farmers, भोपाल, 01 मार्च (वार्ता) : मध्यप्रदेश के ऐसे किसान, जो सहकारी संस्थाओं से लिए ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गए हैं, उनके बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान अब प्रदेश सरकार करेगी।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज विधानसभा में प्रस्तुत किए अपने बजट में बताया कि प्रदेश के ऐसे किसान, जो सहकारी संस्था से लिए गए ऋण के बाद कर्जमाफी के इंतजार में बकायादार हो गये हैं एवं खाद और बीज की सुविधा से वंचित हो गए हैं, उनकी बकाया राशि पर ब्याज का दायित्व सरकार की ओर से लिया जाना प्रस्तावित है। इस व्यवस्था से सहकारी संस्थाओं के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्य के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे। इस हेतु वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कुल 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के 80 लाख से अधिक किसानों को प्रति किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 6 हजार तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत चार हजार, इस प्रकार कुल 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता
उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 3 हजार 200 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने मिलेट उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन प्रारंभ किया है। विशेष पिछड़ी जनजातियों विशेषकर बैगा, सहरिया और भारिया को मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम के अंतर्गत दो दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे।
देवड़ा ने बताया कि कृषि एवं इससे संबंधित योजनाओं के लिए कुल 53 हजार 964 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान से 804 करोड़ अधिक है।
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