2000 Note: दिल्ली हाई कोर्ट में एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय ने 2000 नोट को लेकर याचिका दर्ज की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस याचिका में 2000 रुपए के नोटों को बिना पहचान पत्र के बदलने की RBI और SBI की अधिसूचनाओं को रद्द करने की मांग की गई थी. ये याचिका एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय ने 22 मई को दिल्ली हाई में दर्ज की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपना फैसला पहले से ही तय कर लिया था. आज कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे ख़ारिज कर दिया गया.
Delhi High Court dismisses PIL challenging Reserve Bank of India (RBI) and State Bank of India (SBI) notifications, which permits the exchange of Rs 2000 banknotes without obtaining any requisition slip and identity proof. pic.twitter.com/B4X66qjg7E
— ANI (@ANI) May 29, 2023
अधिवक्ता का तर्क
वकील ने तर्क दिया कि इस संबंध में RBI और SBI की अधिसूचनाएं मनमानी, तर्कहीन होने के साथ ही संविधान के अच्छेद 14 का उल्लंघन करती है. बड़े नोट में नकद लेनदेन भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण है, और इसका इस्तेमाल आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, कट्टरपंथ, जुआ, तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, अपहरण, जबरन वसूली, रिश्वत और दहेज आदि जैसी अवैध गतिविधियों के लिए होती है.
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