-अक्षत सरोत्री
भारत चीन तनाव के बीच जरूर इस समय चीन (Chinas app) शांत हो गया हो लेकिन इस समय देखा जाए तो भारत चीन को किसी भी स्तर पर छोड़ने की गलती नहीं कर रहा है। चाहे वो सीमा हो या फिर व्यापार। पहले भारत और चीन के बढ़ते विवाद के चलते क्रेंद्र सरकार ने चीनी एप्स को बैन कर दिया था। सरकार की ओर से की गई इस डिजिटल स्ट्राइक का असर अब चीन पर दिखने लगा है। दोनो देशों की सीमा पर लगातार बढते विवाद के चलते भारत की ओर से बीते कुछ महीनों में कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें चीनी एप्स को बैन करना एक अहम कदम था।
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भारतीय ऐप्स की हिस्सेदारी लगातार बढ़ी
चीनी एप्स (Chinas app) के बैन होने के बाद अब बाजार में भारतीय ऐप्स की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। दूसरी ओर चीनी ऐप्स लगातार कम होते जा रहे हैं। ऐप्सफ्लायर की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2019 में भारतीय बाजार में चीनी एप्स की हिस्सेदारी 38 फीसदी की थी जो अब घटकर केवल 29 फीसदी पर आ गई है। वहीं इस दौरान भारतीय ऐप्स की हिस्सेदारी बढ़ी है और 39 फीसदी पर पहुंच गई है।
चीन को पूरी दुनिया में हो रहा है नुकसान
चीन का कारोबार केवल भारत (Chinas app) से ही प्रभावित नहीं हुआ है बल्कि अमेरिका, रुस और जर्मनी में भी चीनी एप्स की हिस्सेदारी घटी है। ऐप्सफ्लायर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक केवल चीनी ऐप्स पर भारत ने ही करारी चोट नहीं पहुंचाई है बल्कि कई बड़े देशों में इनकी लोकप्रियता कम हुई है और इन देशों के लोगों ने भी चीनी एप्स को अपने मोबाइल से अनइंस्टाल कर दिया है।
टियर-2 और टियर-3 शहरों में ऐप्स की मांग बढ़ी
भारत में सब-अर्बन एरिया और टियर-2 और टियर-3 शहरों में ऐप्स (Chinas app) की मांग लगातार बढ़ रही है जिसके चलते इन ऐप्स का बाजार बढ़ा है। ऐप्सफ्लायर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक देश में इंस्टाल होने वाले कुल ऐप्स में 85 फीसदी हिस्सा छोटे शहरों से ही आया है। इस दौरान गेमिंग से लेकर फिनटेक कंपनियों के ऐप्स को लोगों ने सबसे ज्यादा इंस्टाल किया है। एक ओर कोरोना के पीक में जहां कई इंडस्ट्री की हालत खराब हुई वहीं एप्स और डिजिटल कंपनियों ने इस दौरान काफी ग्रोथ दर्ज की. लोगों के घरों में बंद होने के कारण इन कंपनियों का कारोबार खूब बढ़ा है।