मुख्य प्रशासनिक विभाग ने बताया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अद्यतित नीति को लागू करने के बाद, शहर में ईवी के बढ़ते प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि वाहन उपयोग के लिए विकल्पों की विकसिति भी होगी। अभी शहर में केवल 80 इलेक्ट्रिक बसें हैं, जो कि इस साल के बेड़े में 100 और इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की योजना है।
साथ ही, नई नीति के अनुसार, डीजल से चलने वाली स्कूल और फैक्टरी बसों के रजिस्ट्रेशन पर अब तक लगाए गए रोक को आगे बढ़ाया गया है। इन बसों के रजिस्ट्रेशन 30 सितंबर 2023 तक रोके गए हैं और 1 अक्टूबर 2023 से इनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी। इसी तरह, डीजल टूरिस्ट बसों के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगाई गई है।
इस पहल के तहत, शहर में चलने वाली सभी कमर्शियल वाहनों को एस.टी.ए. (सार्वजनिक परिवहन) के साथ पंजीकृत किया जाता है। नई नीति के तहत, गैर इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर अगले 5 साल तक कैपिंग लगाई गई है। कैपिंग के अनुसार, गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरा होगा, जिससे जुलाई के दूसरे सप्ताह से इनका रजिस्ट्रेशन बंद हो जाएगा। इसी प्रकार, गैर इलेक्ट्रिक चौपहिया वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन दिसंबर के अंत तक किया जाएगा। नई नीति के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी अगले 3 वर्षों तक 100 प्रतिशत होगी।
इस नीति के प्राथमिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने नीति के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की है, जिसमें प्रशासन के प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। नई नीति के लागू होने के बाद, विभिन्न रूटों पर चलने वाली डीजल बसों की बजाय सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इससे शहर में वायु प्रदूषण कम होगा और स्थानीय वाहनों के लिए एक सुस्त, साफ और उचित विकल्प प्राप्त होगा।
यू.टी. प्रशासन ने भी योजना बनाई है कि इस साल अपने बेड़े में 100 और इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी जाएंगी, ताकि इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़े और इसके लिए एक सामर्थ्यवान इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो। वर्तमान में प्रशासन के पास केवल 80 इलेक्ट्रिक बसें हैं। इसके अलावा, प्रशासन ने शहर के कमर्शियल वाहनों को भी एस.टी.ए. (सिलेंडर टेस्टिंग एजेंसी) के साथ रजिस्टर्ड करने का निर्देश दिया है।