नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अद्वितीय मामले की चर्चा की, जिसमें एक वकील को कुत्तों के हमले के बाद पट्टी बांधकर अदालत पहुंचना पड़ा। इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान वकील से कई सवाल पूछे, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह था कि क्या उसे चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।
वकील ने बताया कि पांच कुत्तों ने उसे घेर लिया और काट लिया, जो न केवल एक खतरनाक घटना है बल्कि यह एक बड़ी समस्या भी है जो उत्तर प्रदेश में हाल ही में एक बच्चे की मौत से उजागर हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर चर्चा करते हुए, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह मांग की कि कोर्ट को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि अलग-अलग हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर अलग-अलग फैसले दिए हैं। उन्होंने इसे एक गंभीर मामला बताया और सामाजिक सुरक्षा के लिए न्याय की आवश्यकता को जताया।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस अवसर पर अपने अनुभव साझा किया और बताया कि दो साल पहले, उनके लॉ क्लर्क को सड़क पर कुत्तों के हमले का सामना करना पड़ा था। इसके बाद, वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने सुप्रीम कोर्ट से सड़क पर कुत्तों के हमलों की समस्या के समाधान की मांग की।
क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर आदेश देगा, यह अभी तक अज्ञात है, लेकिन इस मामले को चर्चा करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या के प्रति गंभीर रूप से ध्यान देने का आश्वासन दिया है।
इस मामले की चर्चा के बाद, देश में कुत्तों के हमलों के समाधान की दिशा में नए कदम उठ सकते हैं, जिससे समाज के लोगों की सुरक्षा में सुधार हो सकता है।
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