leader of ISIS killed: सीरिया में ISIS के खिलाफ बड़ा एक्शन देखने को मिला है। ISIS के लीडर अबू हुसैन अल-कुरैशी मार गिराया गाया है। जिसका ऐलान खुद तुर्किए के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने किया है।
तुर्की ने आतंकवाद को खात्मा करते हुए इस्लामिक स्टेट को करारी चोट दी है। कहा जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू हुसैन अल-कुरैशी को सीरिया में मार गिराया गया है। ये जानकारी इंटेलिजेंस एजेंसी ने दी। हालांकि, इस बात की पुष्टि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भी टीवी के जरिए दी है।
ISIS के प्रमुख अबू हुसैन अल-कुरैशी को सीरिया में मार गिराया गया है। जिसे राष्ट्रीय खुफिया संगठन दाएश ISIS के तथाकथित नेता को फॉलो कर रहा था। जिसका एक कोड नाम अबू हुसैन अल-कुरैशी है।
बता दें कि, इस खबर सामने आने के बाद से ही देशवासी काफी खुश हैं..क्योंकि, काफी समय से तुर्की की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी आतंकवाद के खिलाफ एक खुफिया मिशन पर थी।
इससे पहले सीरिया के ही एक ऑपरेशन में आईएस का एक नेता भी ढेर किया गया था। नेता के मारे जाने के बाद IS अल-कुरैशी को अपने दल का नया सरगना चुना था। गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट ने तुर्की समेत सीरिया और इराक के कई इलाकों पर जबरन कब्जा कर रखा है और वहीं से अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। IS को कमजोर करने के लिए अमेरिका, ईरान, रुस, सीरिया जैसे देशों की सेना मिलकर अभियान चला रही है। आतंकी कमजोर देशों को अपना गढ़ बना चुके हैं और कुछ को इस्लामिक स्टेट भी घोषित कर चुके हैं।
कौन था अबू हुसैन अल-कुरैशी ? leader of ISIS killed
- साल 2022 में अल-कुरैशी IS का नया नेता बना था
- अल कुरैशी ISIS संगठन का चौथा नेता था
- अब्दुल्ला कर्दश के नाम से जाना जाता था
- ISIS के पहले सरगना अल बगददी का भाई था
- 2008 में अमेरिकी सेना ने अल कुरैशी को गिरफ्तार किया
- अल कुरैशी को एक डिटेंशन सेंटर में लंबे समय तक रखा गया था
- अमेरिकी सेना ने अल कुरैशी को कुछ वक्त बाद रिहा कर दिया था
- रिहाई के बाद अल कुरैशी ISIS में और बड़ी भूमिका निभाने लगा था
- साल 2019 में ISIS संस्थापक अल बगदादी को मार गिराया था
- अल कुरैशी की मौत ISIS के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है
दरअसल, 2019 से लेकर अभी तक ISIS संगठन के तीन नेताओं को ढेर किया जा चुका है। तब से तुर्की में कई बार आतंकी समूह के जरिए हमला किए गए हैं। अब तक कम से कम 10 आत्मघाती बम विस्फोटों, सात बम हमलों और चार सशस्त्र हमलों में 300 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। जवाब में तुर्की ने आगे के हमलों को रोकने के लिए देश और विदेश में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया। एक इंटरव्यू में तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि, नस्लवाद, इस्लामोफोबिया और भेदभाव पश्चिम में ‘कैंसर कोशिकाओं की तरह’ फैल रहा है। इससे हमे बाहर निकलने की जरुरत है।
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– Tarannum Rajpoot