प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के शताब्दी समारोह में भाग लेते हुए एक संबोधन दिया है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी का इतिहास महत्वपूर्ण बताया और विश्वविद्यालय को विश्व की शीर्ष रैंकिंग में पहुंचाने के लिए छात्रों और शिक्षकों को एक करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि देश के युवा अपने विश्वविद्यालयों को श्रेष्ठ बना सकते हैं और विकसित भारत के निर्माण में भी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि भारतीय युवा सफलता की कहानी बना सकते हैं और इसके लिए उन्हें अपने माइंडसेट को तैयार करना होगा।
मोदी ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने लक्ष्यों को तय करने के साथ-साथ एक रोडमैप बनाना होगा और उन्हें नवाचारी बनना होगा ताकि वहां से दुनिया के श्रेष्ठ और नेता निकलें। उन्होंने यह भी कहा कि एक शिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी उसके छात्रों को लक्ष्यों की ओर प्रेरित करने की होती है और यह लक्ष्य हासिल करने के लिए मन-मस्तिष्क को तैयार करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने इसके साथ ही नई पीढ़ी को चुनौतियों को स्वीकार करने और उनका सामना करने की क्षमता विकसित करने का भी आह्वान किया।
पिछली शताब्दी में देश के स्वतंत्रता संग्राम में विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और मोदी ने उम्मीद जताई है कि DU इन सपनों को पूरा करेगा।
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