पाकिस्तान में चुनाव की सुगबुगाहटे तेज हो गयी है और इसी कड़ी में एक साल की कड़वी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बाद गठबंधन सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को बैठक की।
एक दिन पहले, सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने संघीय सरकार के अनुरोध पर सरकार के साथ बातचीत के लिए विपक्षी दल को एक मेज पर लाने का प्रयास किया था।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पीटीआई प्रतिनिधिमंडल में शाह महमूद कुरैशी, फवाद चौधरी और सीनेटर अली जफर शामिल थे, जबकि सरकार का प्रतिनिधित्व पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के इशाक डार, ख्वाजा साद रफीक, आजम नजीर तरार, सरदार अयाज सादिक और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) नेता यूसुफ रजा गिलानी और नवीद कमर ने किया था।
अंदरूनी सूत्रों ने डॉन को बताया कि पीटीआई ने बैठक के दौरान तीन प्रमुख मांगें रखीं, जिसमें पहली मांग मई में नेशनल असेंबली और सिंध तथा बलूचिस्तान विधानसभाओं को भंग करके जुलाई में आम चुनाव का रास्ता साफ करना, दूसरी अगर सरकार पंजाब में 14 मई के चुनाव की तारीख से आगे जाना चाहती है, तो 90 दिनों से अधिक के मतदान में देरी के लिए एक बार की रियायत के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करना और पीटीआई एमएनए के इस्तीफे को नेशनल असेंबली में वापस लाने के लिए स्पीकर के आदेश को वापस लेना शामिल है।