घर डूबा तो रिलीफ कैंप में आए, अब वो भी… दिल्ली की मयूर विहार टेंट सिटी में रह रहे लोगों का दर्द

घर डूबा तो रिलीफ कैंप में आए, अब वो भी... दिल्ली की मयूर विहार टेंट सिटी में रह रहे लोगों का दर्द
घर डूबा तो रिलीफ कैंप में आए, अब वो भी... दिल्ली की मयूर विहार टेंट सिटी में रह रहे लोगों का दर्द

हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने यमुना के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को मयूर विहार में बसाई गई टेंट सिटी में स्थानांतरित किया है. हालांकि, यहां रहने वाले लोग खाने की कमी और जलजनित बीमारियों के खतरे को लेकर चिंतित हैं.

दिल्ली में कालिंदी ने रौद्र रूप धारण कर रखा है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कई इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. साथ ही प्रशासन ने कई सड़कों पर आवाजाही पर पाबंदी लगा दी है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मयूर विहार में एक अस्थायी टेंट सिटी बसाई है, जहां निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित किया है, जहां लोगों को दो वक्त के खाने और आजीविका की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. हमारी टीम ने टेंट सिटी में रह रहे लोगों से वहां के हालातों को जानने की कोशिश की है.

बताया जा रहा है कि टेंट सिटी में रह रहे कुछ लोगों में से कुछ लोग खेती करते हैं, कुछ नर्सरी चलाते हैं तो कुछ मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. इसी को ध्यान में प्रशासन की ओर से टेंट सिटी में एक फ्लड रिलीफ कैंप स्थापित किया गया है, जहां सरकार की ओर से प्रभावित लोगों को दिन में दो वक्त का खाना और सुबह की चाय दी जा रही है. हालांकि, कैंप में रहने वाले मरहम सिंह का कहना है कि लोगों की संख्या अधिक होने के कारण खाना पर्याप्त नहीं हो पा रहा है.

इसके अलावा लोगों को कैंप में पानी के लिए भी जद्दोजहत करनी पड़ रही है, क्योंकि भीड़ ज्यादा होनें की वजह से टैंकर आते ही तुरंत खत्म हो जाता है

प्रशासन ने कैंप में आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी एजेंसियों को तैनात किया है, जिन्होंने बचाव कार्यों के लिए इलाके में दो नाव को तैयार रखा है. साथ ही कैंप में प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों को भी सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है.

रोजमर्रा की जरूरतों के लिए छोटी दुकानें

टेंट सिटी में रहने वाले लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए, वहां रहने वाले लोगों में से कई ने छोटी-मोटी दुकानें भी खोल ली हैं. इन दुकानों में खाने-पीने और अन्य आवश्यक सामान बिक रहे हैं और इन्हें कैंप में रहने वाले लोग ही संचालित कर रहे हैं. यह पहल ना केवल उनकी आजीविका का साधन बनी है, बल्कि कैंप के अन्य लोगों के लिए भी सुविधा प्रदान कर रही है.

फिलहाल यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर है. प्रशासन टेंट सिटी में स्थिति पर नजर रखे हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. हालांकि, कैंप में रहने वाले लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यमुना का जलस्तर कुछ दिनों में कम हो सकता है, लेकिन पानी उतरने के बाद बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. बाढ़ के बाद गंदगी और दूषित पानी से मच्छरों और अन्य रोगों का खतरा बढ़ सकता है, जिसके लिए अभी से उपाय करने की जरूरत है.