Asad encounter: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद, एक अन्य शूटर गुलाम के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा कि बीजेपी सरकार को कोर्ट पर विश्वास नहीं है।
अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा ‘झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।’
झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है।
भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 13, 2023
बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘आज अतीक अहमद के बेटे और एक अन्य शूटर के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने को लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है। लोगों को लग रहा है कि विकास दुबे कांड को दोहराने की कोशिश की जा रही है.’ … इसलिए उच्च स्तरीय जांच जरूरी है ताकि पूरे तथ्य और सच्चाई जनता के सामने आ सके।”
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘क्या बीजेपी जुनैद और नसीर को मारने वालों को भी गोली मार देगी? नहीं, क्योंकि आप (बीजेपी) धर्म के नाम पर एनकाउंटर करते हैं।
Asad encounter
विशेष महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, “असद और गुलाम प्रयागराज के उमेश पाल हत्या मामले में वांछित थे और प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का इनाम था। वे यूपी एसटीएफ टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे।”
उन्होंने कहा, “आरोपियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं। आगे की जानकारी का इंतजार है।”
मुठभेड़ उस दिन हुई जब अहमद को हत्या के मामले में प्रयागराज में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। विजुअल्स में कथित मुठभेड़ स्थल पर एक मोटरसाइकिल के पास दो शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। बाद में एक एम्बुलेंस उन्हें ले गई।
एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से असद और गुलाम फरार चल रहे थे। एसटीएफ की कई टीमों को उन्हें पकड़ने के लिए लगाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को वे मोटरसाइकिल से भागने की कोशिश कर रहे थे, तभी उन्हें झांसी में एसटीएफ की एक टीम ने रोक लिया।
2005 के तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।