FARMERS, 05 अप्रैल (वार्ता)- महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में तीन महीने से लगातार बेमौसम मूसलाधार वर्षा का सामना कर रहे किसानों की आत्महत्या करने के मामले बढ़ रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि किसान पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा हुए हैं और अब उन्हें बेमौसम बारिश के कारणों का सामना करना पड़ रहा है। मराठवाड़ा में पिछले तीन महीनों में 214 किसानों ने आत्महत्या की है। 31 मार्च तक उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, औसतन प्रतिदिन दो किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
FARMERS: मराठवाड़ा में 90 दिन में 214 किसानों ने की आत्महत्या
आकंड़ों के मुताबिक, पिछले 90 दिन में 65 किसानों की आत्महत्या के मामलों के साथ बीड जिले में सबसे अधिक आत्महत्याएं दर्ज की गईं, जिसके बाद धाराशिव जिले में 43 ऐसे मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा, छत्रपति संभाजीनगर में 32, नांदेड़ जिले में 31, परभणी में 18, जालना जिले में 15, लातूर जिले में 14 और हिंगोली में पांच किसानों ने आत्महत्या की है। सूत्रों के अनुसार, आत्महत्या के 214 मामलों में से 93 मामले सहायता राशि प्रदान किये जाने के योग्य माने गये हैं।
ऐसे 10 मृतकों के परिजनों को संबंधित जिला प्रशासन द्वारा नियमानुसार सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। इस बीच, संबंधित जिला प्रशासन द्वारा की गई आधिकारिक पूछताछ के बाद 15 मामलों में दावों को खारिज कर दिया गया और शेष 106 मामले अब भी जांच के लिए लंबित हैं