– कशिश राजपूत
किसान संगठनों के नेताओं के अनुसार इस आंदोलन के दौरान अब तक 228 किसान शहीद हो चुके हैं | वहीं दूसरी ओर 14 फरवरी को, पुलवामा हमले के शहीदों को याद करते हुए, पूरे भारत के गांवों और कस्बों में मशाल जूलूस और कैंडल मार्च का आयोजन किया जाएगा | आंदोलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी |
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान मोर्चा के नेताओं ने एक सुर में केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई है। मंच से 14 फरवरी यानी आज देशभर में कैंडल मार्च निकालने, 16 को सर छोटूराम का जंयती पर समारोह मनाने और 18 फरवरी को दोपहर 12 से चार बजे तक रेलें रोकने का एलान किया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन जीविका बचाने की लड़ाई है। कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए वह आखिरी सांस तक संघर्ष करते रहेंगे।
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान जहां आंदोलन को विस्तार देने की रणनीति में जुटे हैं, वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली हिंसा और किसानों पर दर्ज मुकदमों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। मोर्चा का कहना है कि किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं।