-अक्षत सरोत्री
फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) में ब्लैक लिस्ट हुए पाकिस्तान की हालत यह है कि इस समय पाकिस्तान हर किसी अपने दोस्त देश के सामने झोली फैला कर कर्ज मांग रहा है। लेकिन पाकिस्तान की हरकतों से हर कोई बाक़िफ़ है। पाकिस्तान में आतंक की खेती होती है और तुर्की जैसे देशों के साथ दोस्ती करके अपने और दोस्तों से भी बुरा बन गया है जैसे की साउदी अरब। अब इस समय देखा जाए तो पाकिस्तान ने भी पैगम्बर के कार्टून वाले मामले में फ्रांस का विरोध फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की ब्लैक लिस्ट के बाहर निकलने में कर सकता है।
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ऐसे डाल सकता है फ्रांस प्रभाव
आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए एक-एक दिन गिन रहा है। इसे लेकर सोमवार को पेरिस में बैठक होने वाली है और अगर पाकिस्तान इस लिस्ट से बाहर नहीं निकला तो उसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और एजेंसियों से आर्थिक मदद मिलना और मुश्किल हो जाएगा। हालांकि, बड़ी संभावना है कि उसे ग्रे लिस्ट में ही रहना पड़ सकता है।
यह विवाद पड़ सकता है पाकिस्तान पर भारी
खास बात यह है कि इसके पीछे आतंकी फंडिंग रोकने में उसकी नाकामयाबी ही नहीं, एक कार्टून पर विवाद कारण बन सकता है। दरअसल, पेरिस में सीनियर पाकिस्तानी पत्रकार यूनुस खान के हवाले से डॉन अखबार ने लिखा है कि कुछ यूरोपीय देश, खासकर फ्रांस ने FATF को सलाह दी है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाए। उनका कहना है कि इस्लामाबाद ने सभी बिंदुओं पर पूरी तरह से काम नहीं किया है। दूसरे देशों ने फ्रांस का समर्थन किया है। खान का कहना है कि फ्रांस पैगंबर कार्टून के मुद्दे पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से नाखुश है।
इस विवाद में जबरदस्ती कूदा था पाकिस्तान
इसी विवाद में इमरान खान कूद पड़े थे और पाकिस्तानी पीएम ने FATF कहा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मेक्रों ‘जानबूझकर’ अपने नागरिकों समेत मुस्लिमों को भड़का रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया था- ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने (मैक्रों) इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का रास्ता चुना है तभी तो आतंकवादियों पर हमला करने की बजाय इस्लाम पर हमला किया।