देश में तीन दिवसीय B20 शिखर सम्मेलन का आयोजन शुरू हो गया है। इस सम्मेलन में कई उद्योगपतियों के साथ-साथ देश के कई मंत्री जैये पीयूष गोयल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाग लिया है। B20 शिखर सम्मेलन वैश्विक व्यापार समुदाय के लिए आधिकारिक G20 का एक प्रमुख सहयोगी समूह माना जाता है और यह एक महत्वपूर्ण संवाद मंच का कार्य भी करता है।
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Watch Union Finance Minister Smt. @nsitharaman's address at the Special Plenary Session during the #B20SummitIndia 2023.#B20India #G20India #B20India2023 @b20
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 25, 2023
निर्मला सीतारमण की महत्वपूर्ण बातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने B20 शिखर सम्मेलन में भारत सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में महंगाई पर काबू करने के लिए कदम उठाया है। उन्होंने इस सम्मेलन के माध्यम से भारत सरकार के आर्थिक मामलों की महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश को महत्वपूर्ण माना और उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
वित्त मंत्री ने भारत की आर्थिक सुधारों की तेजी की तारीफ की और यह बताया कि देश ने पिछले नौ वर्षों में आर्थिक दृष्टिकोण से बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय बैंकों को विकास से संबंधित प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है और इसके साथ ही महंगाई को नियंत्रित करने पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने भारत के आगामी जीडीपी आंकड़ों की उम्मीद जताई और बताया कि उन्हें यकीन है कि ये आंकड़े अच्छे होंगे।
वित्त मंत्री ने बताया कि उच्च बजट पूंजीगत व्यय के कारण निजी पूंजीगत व्यय में वृद्धि हो सकती है और यह देश की आर्थिक स्थिति के बारे में संकेत दे सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वव्यापी बाजार में अवस्था में सुधार आया है, लेकिन देश को खुद को किसी भी अनायास हादसे से बचाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में अपनी विशेषता और मजबूती से बोलती है और हमें अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लचीली और कुशल आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ काम करने की आवश्यकता को भी महत्व दिया और बताया कि देश को होने वाले किसी भी आघात से खुद को सुरक्षित रखने के लिए तैयार रहना चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी उज्ज्वल दिशानिर्देश दिखाया कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी का पालन करने के लिए पश्चिमी मीडिया को जिम्मेदारी सहन करनी चाहिए और उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बताया कि इसका उल्लंघन करने वाले लोगों को दिक्कत हो सकती है। उन्होंने अपने भाषण में यह भी कहा कि वह इससे बिल्कुल परेशान नहीं होती है और उन्हें यह स्वीकार है कि सरकार के खिलाफ आलोचना करने का हक किसी के पास होता है।
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