पिछले सप्ताह शुक्रवार को बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना (Odisha Train Accident) के संबंध में बालासोर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) स्टेशन पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है। भारतीय दंड संहिता की धारा 337, 338, 304ए (गैर-जमानती) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें “लापरवाही से मौत” और रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के आरोप शामिल हैं, जिसमें आरोप शामिल हैं “लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालना”।
रेल मंत्रालय ने रविवार को ओडिशा में तीन ट्रेनों – एक मालगाड़ी, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस से जुड़े रेल हादसे की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की।
रेलवे ने ड्राइवर की गलती और सिस्टम की खराबी से इनकार किया है, जो संभावित ‘तोड़फोड़’ और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ का संकेत देता है।
ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा कि कुछ शवों की दोहरी गिनती के कारण रविवार को ट्रिपल-ट्रेन दुर्घटना में टोल 288 से 275 तक संशोधित किया गया था।