पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को देश में समकालिक चुनाव या ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) पर एक उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की। एक बयान में कहा गया कि आठ सदस्यीय पैनल ने राजनीतिक दलों और विधि आयोग के सदस्यों को इस विषय पर उनके विचार जानने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया।
पहली बैठक में शामिल होने वालों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल थे।
जाने-माने वकील हरीश साल्वे इस बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अमित शाह को लिखे पत्र में बैठक का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था और बैठक में मौजूद नहीं थे।
चौधरी ने पत्र में कहा था, “मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसकी संदर्भ शर्तें इसके निष्कर्षों की गारंटी के लिए तैयार की गई हैं। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है।”
इसके अलावा, विपक्षी गुट इंडिया ने उच्च स्तरीय पैनल के गठन के फैसले को देश के संघीय ढांचे के लिए “खतरा” बताया था।
रिपोर्ट के अनुसार, पैनल को 2 सितंबर को सरकार द्वारा लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के संबंध में जल्द से जल्द सिफारिशें करने के लिए सूचित किया गया था (One Nation One Election)।