भारतीय संसद का आज पांच दिवसीय सत्र शुरू हो रहा है। इसे मौजूदा लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र बताया गया है। सत्र 22 सितंबर तक चलेगा, जिसके दौरान 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक सदन की कार्रवाई होगी। इस सत्र में भारतीय संसद के 75 वर्ष के सफर पर चर्चा की जाएगी, और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समेत चार विधेयकों पर विचार किया जाएगा। सरकार ने पहले इसे ‘विशेष सत्र’ बताया था, लेकिन बाद में इसे नियमित सत्र माना गया है।
सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन से होगी
संसद के पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन से होगी, लेकिन इस बार सत्र का आयोजन नए संसद भवन में भी किया जाएगा। उद्घाटन सत्र के दौरान 19 सितंबर को पुराने संसद भवन में एक फोटो सेशन भी आयोजित किया जाएगा। इसके बाद, 19 सितंबर को ही नए संसद भवन में सत्र की बैठक होगी, और 20 सितंबर से इसमें नियमित कामकाज शुरू होगा। सत्र के दौरान सदन की कार्रवाई 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगी। रविवार को नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया गया.
इस मुद्दे पर होगी चर्चा
पांच दिनों तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र के पहले दिन, संसद की 75 साल की यात्रा पर चर्चा की जाएगी। इस उपलब्धियों, अनुभवों, यादों, और सीखों की चर्चा के माध्यम से संसद के इस महत्वपूर्ण मील के पटल पर प्रक्षिप्त किया जाएगा। संसद के 75 साल के सफर का उद्घाटन इस विशेष सत्र के माध्यम से किया जाएगा, जो सांसदों के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा करने का मौका मिलेगा।
पांच दिनों का सत्र
18 से 22 सितंबर के पांच दिनों तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में, सरकार की योजना है कि आखिरी तीन दिन ही महत्वपूर्ण विधेयकों को सदन में पेश किया जाएगा। इस सत्र के लिए बीजेपी ने पहले ही लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को व्हिप (वोटिंग इन फेवर ऑफ पार्टी लाइन) जारी कर दिया है।
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