Flour Federation, नयी दिल्ली, 16 मार्च (वार्ता) : रोलर फ्लौर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि इस वर्ष गेहूं की फसल बहुत अच्छी है और इसका उत्पादन 10 करोड़ 80 लाख टन से 11 करोड़ टन होने की संभावना है तथा इसका मूल्य स्थिर रहने की भी उम्मीद है। फेडरेशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार, उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र जैन और नवनीत ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गेहूं के उत्पादन को लेकर एक सर्वेक्षण कराया गया है, यह सर्वेक्षण नौ राज्यों में किया गया है और 10 हजार से अधिक नमूने लिये गये हैं। गेहूं की खेती का रकबा भी इस वर्ष बढ़ा है और कुछ राज्यों में इसकी फसल बहुत अच्छी है जिसके कारण ऐसा लगता है कि इस बार गेहूं का उत्पादन 11 करोड़ टन हो सकता है।
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उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष किसानों को अच्छा मूल्य मिला था लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध तथा आवागमन की सुविधाओं के अभाव के कारण दुनिया के कई हिस्सों में इसका मूल्य काफी अधिक हो गया था, देश में भी आटे की कीमत में वृद्धि हुई थी जिसमें अब गिरावट आने लगी है। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री से तैयार आटे के मूल्य में कमी आ गयी है और मार्च में आटे की खुदरा कीमतों में छह से आठ रुपये प्रति किलोग्राम तक की कमी आ सकती है। कुमार ने सरकार से गेहूं के आटे के निर्यात की अनुमति देने की सरकार से मांग करते हुए कहा कि दुनिया के अनेक हिस्सों में भारतीय रहते हैं, जो आटे की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप के कई देशों में आटे की भारी कमी है। उन्होंने गेहूं के निर्यात पर रोक जारी रखने की भी मांग की। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने वाले गेहूं का कुछ हिस्सा बाजार में आ जाता है जिससे इसका मूल्य प्रभावित होता है। संवाददाता सम्मेलन के दौरान फेडरेशन के कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
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