Galwan Valley clash: गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद, भारतीय वायु सेना (IAF) ने महत्वपूर्ण कदम उठाए। 2020 में हुई घातक झड़प के बाद, वायुसेना ने भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 68,000 से अधिक सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में भेजा। यह एक बड़ी और महत्वपूर्ण पहल है।
15 जून, 2020 को हुई झड़प के बाद, IAF ने लड़ाकू विमानों की मदद से ताकत बढ़ाई। वे अपने विमानों को आक्रामक मुद्रा में तैनात करने के साथ-साथ खुफिया जानकारी भी जुटाने लगे। यह उनकी सुरक्षा में बड़ी ताकत है।
गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद सीमा पर अधिक तनाव बढ़ा था। इसके परिणामस्वरूप, वायुसेना ने चीन की गतिविधियों की निगरानी के लिए अपने विमानों को सीमा के करीब तैनात किया। इससे देश की रक्षा में मदद मिलेगी।
Galwan Valley clash
वायुसेना ने विभिन्न तरह के विमानों का उपयोग किया। राफेल और मिग-29 विमानों को लड़ाकू हवाई गश्त के लिए तैनात किया गया। इसके अलावा, वे अपने हेलीकॉप्टरों का भी प्रयोग करके अपनी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में लगे।
सेना ने सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान दिया है। वे पूर्वी लद्दाख में न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (ALG) में काम कर रहे हैं, ताकि विमानों का आसानी से परिवहन किया जा सके।
यह साफ है कि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद वायुसेना ने देश की सुरक्षा को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों से वायुसेना की रक्षा क्षमताएँ और युद्ध प्रियता में बढ़ोतरी होगी।