चावल के दाम कम करने को लेकर सरकार का फुल प्रूफ प्लान

चावल के दाम कम करने को लेकर सरकार का फुल प्रूफ प्लान
चावल के दाम कम करने को लेकर सरकार का फुल प्रूफ प्लान

चावल की अधिक निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर भारत सरकार योजना बना रही है। इस कदम के माध्यम से सरकार चावल की कीमतों को नियंत्रित करने और देशीय बाजार में कटौती को रोकने की कोशिश कर रही है। यह कदम नॉन-बासमती चावल के निर्यात पर लगाने की विचारधारा पर आधारित है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार नाम ना प्रकाशित करते हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की संभावना पर विचार कर रही है। यह कदम आम चुनाव से पहले महंगाई से निपटने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है। चावल की नॉन-बासमती वैरायटी पर प्रतिबंध लगाने की योजना के अंतर्गत इससे महंगाई को नियंत्रित करने की उम्मीद है।

यह प्रतिबंध भारतीय चावल उद्योग में बदलाव ला सकता है, जहां निर्यात पर अधिकारियों के दबाव के चलते चावल की कीमतें बढ़ गई हैं। अब सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान केंद्रित कर रही है और इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है। यह चर्चा चावल के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है और भारतीय बाजार में चावल की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

चावल निर्यात का 40% हिस्सा भारत के पास

मुख्य बात ये है कि दुनिया के कुल चावल निर्यात का 40 प्रतिशत भाग भारत के पास है. भारत दुनिया का सबसे सस्ता चावल भी निर्यात करता है। इस प्रकार, यदि भारत अपने सस्ते चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए, तो चावल के दामों में और भी इजाफा हो सकता है। पिछले महीने ही सरकार ने चावल के एमएसपी (मिनिमम समर्थन मूल्य) में 7 फीसदी की वृद्धि की थी, जिससे भारतीय चावल के निर्यात मूल्य में 9 फीसदी का वृद्धि देखा गया है।

ये भी पढें: हिमाचल में भारी बारिश से अब तक 90 मौतें, 4000 करोड़ का हुआ नुकसान