कोटा में छात्रों की आत्महत्या पर सरकार का नया कदम: “उम्मीद”

उम्मीद
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कोटा: कोटा, राजस्थान के छात्रों के बीच आत्महत्या के मामलों के बढ़ते आंकड़ों के साथ, सरकार ने एक नया कदम उठाया है, जिसे ‘उम्मीद’ (UMMEED) कहा जा रहा है। इस कदम के तहत, स्कूलों को आत्महत्या प्रिवेंशन के लिए प्लान ऑफ एक्शन तैयार करने की आवश्यकता होगी, और स्कूलों में वेलनेस टीमें स्थापित की जाएंगी।

उम्मीद का मतलब होता है – “Understand, Motivate, Manage, Empathise, Empower and Develop”। इसके अंतर्गत, सरकार छात्रों के पर्सपेक्टिव को समझने, प्रेरित करने, उन्हें समझने, समर्थन प्रदान करने, और उनके विकास का प्रयास कर रही है।

  • U – Understand (समझना): छात्रों को समझने का प्रयास किया जाएगा।
  • M – Motivate (प्रेरित करना): छात्रों को प्रेरित करने का काम किया जाएगा।
  • M – Manage (संचालन करना): अवसाद या परेशानी के साथ छात्रों का संचालन करने की कोशिश की जाएगी।
  • E – Empathise (सहानुभूति करना): सहानुभूति दिखाने का प्रयास किया जाएगा।
  • E – Empower (सशक्त करना): छात्रों को सशक्त करने का प्रयास किया जाएगा।
  • D – Develop (विकसित करना): छात्रों के विकास का समर्थन किया जाएगा।

इस नयी गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों में आत्महत्या प्रिवेंशन के लिए योजनाएँ तैयार करनी होंगी और स्कूल वेलनेस टीमें स्थापित की जाएंगी। इन टीमों का काम होगा स्कूल के सभी छात्रों से बातचीत कर उनमें अवसाद या खुद को नुकसान पहुंचाने की किसी भी लक्षण की पहचान कर उन्हें भावनात्मक रूप से सपोर्ट करना और बच्चों को समझाना होगा।

इसके अलावा, ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि सिर्फ स्कूल प्रिंसिपल या टीचर नहीं, बल्कि समय के साथ इस काम में सभी सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि छात्रों को सहायता मिल सके।

आत्महत्या समस्या को रोकने के लिए इस नई गाइडलाइन के अनुसार कई कदम उठाए जाएंगे, जैसे कि हॉस्टल में एंटी-सुसाइड नेट लगाना, पंखों में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाना, और वेलनेस टीमें का गठन करना। सरकारी डेटा के मुताबिक, भारत में हर साल करीब सात लाख लोग आत्महत्या करते हैं, और युवा आवश्यकता है इस समस्या को रोकने के लिए मिलकर कदम उठाने के।

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