लखनऊ, 22 फरवरी (वार्ता): उत्तर प्रदेश सरकार किसान दुग्ध संगठनों को उनके दूध का वाजिब दाम और बाहरी राज्यों से देसी नस्ल की गायों की खरीद पर अनुदान देगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये आज पेश किये गये बजट में मेरठ और वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार ने वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना के लिए 86 करोड़ 95 लाख रुपये की व्यवस्था की है। वहीं नन्द बाबा दुग्ध मिशन के लिए 61 करोड़ 21 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी तरह मेरठ और वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 60 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई। वहीं उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 करोड़ रुपये की बजट की व्यवस्था की गई है।
बजट में पशुपालन को भी खास तरजीह दी गई है। बुन्देलखंड में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए बुंदेलखंड के हर जिले में 5-5 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। वहीं ️छुट्टा गोवंश के रख-रखाव के लिए 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसी तरह बड़े गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लिए 120 करोड़ रुपये अलाट किए गए हैं। पशु रोग नियंत्रण के लिए 116 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। ️प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जिलों में भेड़ पालन योजना के लिए तीन करोड़ 44 लाख रुपये दिये गये हैं।
इसके साथ ही ️प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 187 गो-संरक्षण केन्द्र में से 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। मत्स्य के लिए ️प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गई जबकि मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 10 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इसी तरह ️निषादराज बोट सब्सिडी योजना के तहत 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।