GRIEF EXPRESS: पूर्व सदस्यों के निधन पर विधानमंडल के दोनों सदनों ने जताया शोक

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पूर्व सदस्यों के निधन पर विधानमंडल के दोनों सदनों ने जताया शोक
GRIEF EXPRESS, 21 फरवरी (वार्ता)- उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राहुल प्रकाश कोल तथा केशरी नाथ त्रिपाठी समेत 15 पूर्व सदस्यों के निधन पर दो मिनट का मौन रख कर शोक व्यक्त किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपना दल (एस) सदस्य राहुल प्रकाश कोल का पिछली दो फरवरी को निधन हो गया था। कोल छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे। वे 2017 व 2022 में सदन के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। अत्यंत विनम, व्यवहारकुशल व समर्पित जननेता होने के साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र, गरीबों-वंचितों और वनवासी क्षेत्र के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहे।

GRIEF EXPRESS: आठ जनवरी को 88 वर्ष की अवस्था में त्रिपाठी का निधन हो गया

सेवा भाव के कारण अपने क्षेत्र में अत्यंत ही लोकप्रिय जननेता के रूप में उभर रहे थे। मात्र 40 वर्ष के उम्र में राहुल कोल के निधन से प्रदेश ने युवा नेता व कुशल राजनीतिज्ञ को खो दिया है। उनका निधन समाज की अपूर्णनीय क्षति है। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के निधन पर शोक जताते हुये उन्होने कहा कि आठ जनवरी को 88 वर्ष की अवस्था में त्रिपाठी का निधन हो गया था। उन्होने प्रारंभिक जीवन की शुरुआत अधिवक्ता के रूप में की थी। वे 1977 में जनता पार्टी से झूंसी, 1989, 1991, 1993, 1996 व 2002 में भाजपा से प्रयागराज से विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। वे रामनरेश यादव मंत्रिमंडल के सदस्य भी रहे। 1991, 1997 व 2002 में तीन बार निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष बने।

GRIEF EXPRESS: पूर्व सदस्यों के निधन पर विधानमंडल के दोनों सदनों ने जताया शोक

त्रिपाठी जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। इसके अलावा बिहार, मेघालय व मिजोरम के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता व बार एसोसिएशन के अध्य़क्ष रहे। उन्होंने अनेक काव्य संग्रह की रचना की। उन्हें हिंदी गरिमा सम्मान, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान, वागीश्वरी समेत अनेक सम्मान दिए गए। यूपी हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष रहे।
केशरी नाथ त्रिपाठी को उत्कृष्ट सेवा के लिए चाणक्य, भारत गौरव, यूपी रत्न, विकास पुरुष आदि कई उपाधियों से सम्मानित किया गया। उनका निधन यूपी के साथ भारतीय राजनीति के लिए अपूर्णीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने पूर्व सदस्यों कौशांबी से रामचरण त्रिपाठी, वाराणसी से अमरनाथ यादव, बांदा से जगन्नाथ सिंह परमार, अलीगढ़ से त्रिलोकीराम, अयोध्या से मथुरा प्रसाद तिवारी, संभल से ब्रजपाल सिंह, कन्नौज से विजय बहादुर पाल, संभल से सत्यप्रकाश, प्रयागराज से विक्रमाजीत मौर्य, बाराबंकी से सुंदरलाल दीक्षित, कासगंज-जसबीर सिंह, अलीगढ़- संजीव राजा, कन्नौज-बनवारी लाल दोहरे, कानपुर देहात-रामस्वरूप सिंह के दिवंगत होने पर भी श्रद्धासुमन अर्पित किया।