ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण पर रिपोर्ट गुरुवार, 19 मई को वाराणसी अदालत के समक्ष अदालत द्वारा नियुक्त विशेष सहायक आयुक्त विशाल सिंह द्वारा प्रस्तुत की गई।
रिपोर्ट वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश की गई है। इस दौरान कोर्ट के सामने दोनों पक्षों के लोग मौजूद थे।
We have filed a video chip too in a sealed cover. All of this has been submitted before the court: Advocate Vishal Singh, the Court-appointed special assistant commissioner after the filing of Gyanvapi mosque survey report pic.twitter.com/Q7RZXqrvwN
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 19, 2022
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हिंदू याचिकाकर्ताओं कोर्ट से मांगेंगे समय : ज्ञानवापी विवाद
इस बीच, मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय से और समय मांगेंगे, यहां तक कि शीर्ष अदालत और स्थानीय वाराणसी अदालत ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज सुनवाई जारी रखने के लिए तैयार हैं।
वहीं एक चैनल से बातचीत में विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगेंगे। उन्होंने कहा कि वे वाराणसी की अदालत में मामले को स्थगित करने की भी मांग करेंगे।
उन्होंने कहा, “हमारे द्वारा कोई हलफनामा दायर नहीं किया गया है। हम समय मांगेंगे। वाराणसी की अदालत में स्थगन की भी मांग करेंगे।”
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अदालत ने रिपोर्ट सौंपने के लिए दिया था 2 और दिन का समय
शिवलिंग की खोज के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मुस्लिम समुदाय के पूजा के अधिकार को प्रतिबंधित किए बिना परिसर में क्षेत्र सुरक्षित है।
इस बीच, वाराणसी की अदालत ने अपने द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण दल को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए दो और दिन का समय दिया।
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ज्ञानवापी मामला
यह मामला परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर केंद्रित है।
पिछले महीने, वाराणसी की एक अदालत ने पांच हिंदू महिलाओं द्वारा याचिका दायर करने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया था।
इस सप्ताह की शुरुआत में, हिंदू पक्ष के वकीलों ने दावा किया था कि मस्जिद परिसर के एक कुएं में एक ‘शिवलिंग’ पाया गया था। मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि संरचना एक फव्वारा (fountain) है।
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