पंजाब जिला बाल संरक्षण अधिकारी योगेश कुमारी ने सोमवार कहा है कि कोई भी बाल गृह, जिसमें जीरो से 18 वर्ष के अनाथ और निराश्रित बच्चे या विकलांग बच्चे शामिल हैं, जो किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 41 (1) के तहत पंजीकृत नहीं हैं, बाल गृह और विभाग के प्रमुख न्याय अधिनियम 2015 की धारा 42 के तहत जुवेनाइल एक्शन लिया जाएगा, जिसमें एक साल कैद, एक लाख जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। सुश्री कुमारी ने बताया कि भारत सरकार के किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार कोई भी बाल गृह जो किसी सरकारी गैर सरकारी संस्था द्वारा चलाया जा रहा है, जिसमें शून्य से 18 वर्ष उन अनाथ एवं बेसहारा बच्चों अथवा विकलांग बच्चों को रहने, खाने और देखभाल की सुविधा दी जाती है, तथा उन्हें सरकार से अनुदान प्राप्त हो अथवा नहीं, उन्हें किशोर न्याय की धारा 41(1) के अन्तर्गत पंजीयन कराना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अमृतसर में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत तीन सरकारी एवं छह गैर सरकारी संस्थाएं पंजीकृत हैं। उन्होंने अपील की है कि यदि जिला में अभी भी कोई बाल गृह संचालित है जो किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अन्तर्गत पंजीकृत नहीं है तो उसकी तत्काल सूचना जिला प्रशासनिक परिसर,के नंबर 78146-76459 पर दी जाए तथा जिन गैर सरकारी संगठनों का पंजीयन नहीं हुआ है, वे अपना अनुरोध पत्र जिला बाल संरक्षण इकाई को प्रस्तुत करें।