सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) नेता एन चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई को 9 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया है। इस याचिका में उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती दी है, जिसमें कौशल विकास निगम घोटाला मामले में उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इस मामले के संबंध में उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई सभी सामग्रियों को रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि चंद्रबाबू नायडू कथित कौशल विकास निगम घोटाले से जुड़े मामले में जेल में बंद है.
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में, वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि एफआईआर को रद्द करने की नायडू की याचिका को खारिज कर देना चाहिए, क्योंकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए का सवाल ही नहीं उठता। वह इसका माध्यम से यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि नायडू की याचिका का समर्थन किसी भी प्रकार से साबित नहीं हो सकता है। उनके अनुसार, धारा 17ए का प्रावधान जुलाई 2018 में लागू हुआ था, जबकि मामले की जांच 2017 में सीबीआई द्वारा शुरू की गई थी। नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, अभिषेक सिंघवी और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि एफआईआर में सभी आरोप राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए नायडू द्वारा लिए गए फैसले, निर्देशों या सिफारिशों से संबंधित हैं।
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