उत्तराखंड के हरिद्वार, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में भारी वर्षा के कारण “हाई अलर्ट” की घोषणा की गई है। राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के निर्देश पर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने इन जिलों के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
इस संदर्भ में, केन्द्रीय जल आयोग के अधिशासी अभियंता द्वारा हरिद्वार, पिथौरागढ़ और नैनीताल के बाणगंगा, धौलीगंगा और कोसी नदियों के जलस्तर के बारे में जानकारी दी गई है। जलस्तर की वृद्धि के माध्यम से उन्होंने अपने-अपने जनपदों में सतर्क रहने और आवागमन पर नियंत्रण बनाए रखने का निर्देश दिया है। अधिकारियों को किसी भी आपदा या दुर्घटना की स्थिति में त्वरित कार्यवाही करते हुए सूचनाएं तत्काल प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें हाई अलर्ट स्थिति में रहने, सभी राजस्व उपनिरीक्षकों, ग्राम विकास अधिकारियों, और ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में सतत उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इसके साथ ही, सभी चौकी और पुलिस स्टेशनों को भी हाई अलर्ट स्थिति में रहने के निर्देश दिए गए हैं, और उन्हें अपने उपकरणों और वायरलेस सहित आपदा से संबंधित सामग्री को अपने वाहनों में रखने के लिए उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उचित कार्यवाही के साथ ही, वे किसी अधिकारी या कर्मचारी का मोबाइल या फोन स्विच ऑफ नहीं करेंगे। उन्हें बरसाती संकट के दौरान अपने क्षेत्र में फंसे हुए लोगों के लिए खाद्य सामग्री और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, असामान्य मौसम और भारी वर्षा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन की अनुमति नहीं दी जाएगी, और नगर और कस्बा क्षेत्रों में नालियों और गड्ढों के अवरोध को हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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