सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: अमान्य विवाह से पैदा होने वाली संतान को अब मिलेगा पैतृक संपत्ति में अधिकार

क्रैकर्स
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सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला दिया है, जिसके तहत अमान्य विवाह से पैदा होने वाली संतान को उसके माता-पिता की पैतृक संपत्ति में अधिकार मिल सकता है। इस निर्णय के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि इस तरह की संतान को कानून अवैध नहीं मानता है, और उसे उस संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है, जो संयुक्त हिंदू परिवार में उसके पिता या माता के हिस्से में आई हैं। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया है कि ऐसी संतान किसी अन्य ‘कोपार्सनर’ (संयुक्त संपत्ति के अधिकारी) के हिस्से पर अपना हक नहीं जता सकता।

महत्वपूर्ण फैसले का परिचय

इस महत्वपूर्ण फैसले के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू विवाह कानून की धारा 16 के तहत अमान्य विवाह से पैदा संतान को भी वैध माना है, जिसका अर्थ है कि ऐसी संतान को अब उसके माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति में अधिकार मिल सकता है।

संयुक्त हिंदू परिवार का महत्व

यह पूरा मामला संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति से जुड़ा है, जिसके तहत विवाहित जोड़े संपत्ति के अधिकारी होते हैं। हिंदू उत्तराधिकार कानून की धारा 6 के तहत हिंदू मिताक्षरा व्यवस्था (संयुक्त परिवार में उत्तराधिकार तय करने की एक व्यवस्था) से जोड़कर सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया है। कोर्ट ने कहा है कि ‘कोपार्सनर’ की हैसियत से पिता को संपत्ति का जो हिस्सा मिलना था, उसमें अमान्य शादी से पैदा संतान भी दावा कर सकेगी।

निष्कर्षित निर्णय का इतिहास

यह मामला पहली बार 31 मार्च 2011 को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने बड़ी बेंच के पास भेजा था। पिछले महीने इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारडीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की और अब यह अहम फैसला दिया है।

इस फैसले से साफ हो गया है कि अमान्य विवाह से पैदा होने वाली संतान को उसके माता-पिता की संपत्ति में अधिकार हो सकता है, और यह निर्णय विवाहित जोड़ों के अधिकारों को मजबूत करता है। सुप्रीम कोर्ट के इस महत्वपूर्ण फैसले से समाज में न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है, जिससे अमान्य विवाह से पैदा होने वाली संतानों को उनके माता-पिता की संपत्ति के अधिकार में मदद मिलेगी।                                       ये भी पढ़ें BJP के’मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान की शुरुआत, अमित शाह बोले- आने वाला समय ‘अमृतकाल’ का है