जम्मू कश्मीर में निकाली गई ऐतिहासिक मुहर्रम जुलूस, इन शर्तों पर जुलुस निकालने की मिली अनुमती

मुहर्रम जुलूस
मुहर्रम जुलूस

जम्मू कश्मीर में ऐसा पहली बार हुआ है, जब राजधानी श्रीनगर के लाल चौक पर मुहर्रम का जुलूस निकला गया. इस जुलुस में भरी संख्या में लोग शामिल थे. बता दें कि जम्मू कश्मीर में लगभग 3 दशक बाद लालचौक मार्ग पर मुहर्रम जुलूस निकालने की अनुमति दी गई थी. मुस्लीम समुदाय के लोग बहुत सालों से जुलुस निकलने की मांग कर रहे थे. काफी लंबे इंतजार के बाद इस साल 8वीं मुहर्रम का जुलूस पारंपरिक मार्ग से निकालने की अनुमती मिल गई. यह जुलुस आज सुबह 6-8 बजे तक निकाला गया.

सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी और सिक्योरिटी तैनात

इस जुलुस में हजारों लोग शामिल हुए खास तौर पर युवा, जिन्होंने ऐसी जुलुस कभी नहीं देखी थी. इस जुलुस को लेकर प्रशासन के सुरक्षा बल तैनात थे. जगह- जगह पर पुलिसकर्मी और सिक्योरिटी फाॅर्स के जवान तैनात दिखाई दिए.

जुलुस को लेकर एलजी प्रशासन की शर्ते

जुलुस निकलने को लेकर एलजी प्रशासन ने कुछ शर्तें भी रखी थीं। इन शर्तो में कहा गया था कि जुलुस के दौरान किसी तरह कि कोई राष्ट्रविरोधी नारेबाजी नहीं होनी चाहिए और न ही इस्लामी झंडे के बगैर कोई दूसरा झंडा दिखाई देना चाहिए। शिया बारादरी के लोगो ने एलजी के शर्तों को मानते हुए हर्षोउल्लास के साथ जुलुस को निकाला। इस जुलुस में न तो कोई राष्ट्रीय विरोधी नारेबाजी हुई और न ही कोई दूसरा झंडा दिखाई दिया.

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