आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि राजधानी नई दिल्ली में हुई विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक में प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम विपक्षी दल भारत के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया है। इस दौरान खरगे ने कहा, “मैं वंचितों के लिए काम करता हूं। पहले जीतें, फिर देखेंगे। मैं कुछ नहीं चाहता। करीब तीन घंटों तक चली विपक्षी गठबंधन की बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, बिहार, यूपी, दिल्ली या पंजाब हो सीट-बंटवारे के मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। इस दौरान खरगे ने अपनी चुनावी मंशा साफ करते हुए कहा कि पहले हमें जीतना होगा और बहुमत हासिल करना होगा, फिर सांसद लोकतांत्रिक तरीके से फैसला करेंगे।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में सीटों के बटवारे के मुद्दे पर बोलेत हुए खरगे ने कहा कि सीट बंटवारा राज्य स्तर पर किया जाएगा, अगर कोई मुद्दा है तो इसे केंद्रीय स्तर पर उठाया जाएगा। वहीं, संसद में सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि हम सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सोचते हैं कि शासन करने के लिए उनसे बेहतर कोई नहीं है, हम उनकी इस गलतफहमी को दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि हम संसद सुरक्षा उल्लंघन पर पीएम या गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं, वो संसद में बोलने से क्यों बच रहे हैं। लोकसभा चुनावों को लेकर विपक्ष की रणनीति के बारे जानकारी देते हुए खरगे ने कहा कि देशभर में I.N.D.I गठबंधन की करीब 8-10 बैठकें होंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन के सांसदों द्वारा निलंबन के मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है।