
हत्या के आरोपी एक ब्लैक कैट कमांडो ने सुप्रीम कोर्ट में छूट के लिए कहा कि वह ऑपरेशन सिंदूर में शामिल था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बुनियाद पर उसे छूट नहीं मिल सकती। वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण से छूट की मांग कर रहा था।
पत्नी की हत्या के आरोपी ब्लैक कैट कमांडो ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में शामिल था। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उसे किसी भी तरह की छूट देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में शामिल होने की वजह से उसे किसी तरह के प्रतिरोध का अधिकार नहीं मिलता है।
सुप्रीम कोर्ट एक स्पेशल लीव पिटिशन पर सुनवाई कर रहा था। कमांडो ने सुप्रीम कोर्ट से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने से छूट मांगीथी। कमांडर ने कहा, मैं एक ब्लैक कैट कमांडो हूं और पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में शामिल था। ब्लैक कैट कमांडो आम तौर पर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के जवानों को कहा जाता है।
जस्टिस उज्जल भुयान ने कहा कि ब्लैक कैट कमांडो होने से आपको छूट नहीं मिलेगा। आप इतने फिट हैं कि पत्नी का अकेले ही गला घोंट सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से आरोपी पर गला घोंटकर हत्या करने का आरोपा है, उसे छूट नहीं दी जा सकती। जस्टिस विनोद चंद्रन ने कहा कि हाई कोर्ट भी कामांडो को किसी तरह की छूट देने से इनकार कर चुका है।
कमांडो पर पत्नी की हत्या करने के लिए धारा 304B के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपी पर दहेज के लिए हत्या करने का आरोप है। कमांडो के वकील ने कहा कि उसके खिलाफ आरोप मृतक पत्नी के ही दो करीबियों ने लगाए हैं। उनका कहना है कि केवल मोटरसाइकल के लिए गला घोंटकर हत्या कर दी गई। वकील ने कहा कि गवाह भी बहुत अविश्वसनीय हैं। फिलहाल कोर्ट ने आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल लीव पिटिशन को लेकर अभिजोयन पक्ष से जवाब मांगा है।